इस मुलाकात के बाद इमरान का U टर्न,

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बुधवार का दिन पाकिस्तान की सियासत के लिए रस्साकसी भरा रहा. दिनभर चर्चा रही कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान आज देश को संबोधित करेंगे, लेकिन शाम होते ही खबर आ गई कि उनका संबोधन टाल दिया गया है. आज शाम पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने इमरान खान से मुलाकात की. इसके बाद ही उनके संबोधन टालने की बात सामने आई.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने राष्ट्र को संबोधित करने की योजना फिलहाल टाल दी है. बुधवार शाम पाकिस्तान के आर्मी चीफ से हुई मुलाकात के बाद उन्होंने यह फैसला लिया. इमरान के ऐलान से पहले दिन-भर ये सुगबुगाहट चलती रही कि वे पाकिस्तान के लोगों को संबोधित करेंगे. पहले उनके संबोधन का समय 5 बजे तय किया गया. इसके बाद बताया गया कि वे शाम 7.30 से 8.30 के बीच राष्ट्र को संबोधित करेंगे, लेकिन 6.30 बजते ही सूचना आ गई कि उनका बुधवार को होने वाला संबोधन टाल दिया गया है.
इमरान के संबोधन से पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि वे आज इमरजेंसी जैसा कोई चकित करने वाला कदम उठा सकते हैं. संबोधन से कुछ देर पहले ही पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा अचानक इमरान खान के घर उनसे मिलने पहुंच गए. उनके साथ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के डीजी भी थे. आर्मी चीफ से मुलाकात के पहले इमरान ने एक और अहम फैसला लिया. उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने का निर्णय किया है.
बुधवार को पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी का भी बयान सामने आया. उन्होंने कहा कि इमरान इस्तीफा नहीं देने वाले हैं. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पीएम इमरान ‘आखिरी गेंद तक लड़ेंगे’. इमरान खान के राष्ट्र को संबोधन करने का ऐलान ऐसे वक्त किया था, जब फ्लोर टेस्ट से पहले उन्हें बड़ा झटका लगा है. बुधवार को ही MQM के 2 मंत्रियों ने इमरान की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. MQM इमरान खान की सरकार में सहयोगी पार्टी थी, लेकिन ऐन वक्त पर उसने विपक्षी पार्टियों से समझौता कर लिया. बुधवार को ही विपक्ष ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर पाकिस्तान के पीएम पर निशाना साधा.
आज सुबह पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी ने ट्वीट कर बताया कि संयुक्त विपक्ष और MQM के बीच एक समझौता हुआ है. राबता कमेटी MQM और PPP सीईसी समझौते की पुष्टि करेगी. इसके बाद कल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को और जानकारी दी जाएगी
इमरान खान के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है. इस पर 31 मार्च से चर्चा होनी है. लेकिन इससे पहले MQM और पीपीपी के समझौते के बाद इमरान खान सरकार ने बहुमत खो दिया है.
पाकिस्तानी असेंबली का पूरा गणित
पाकिस्तान असेंबली में 342 सदस्य हैं. बहुमत के लिए 172 सदस्य होने जरूरी हैं. MQM के इमरान खान का साथ छोड़ने के बाद विपक्ष के पास 177 सदस्यों का समर्थन हो जाएगा. जबकि इमरान खान के पास 164 सदस्यों का समर्थन रह जाएगा. विपक्ष को इमरान खान की सरकार गिराने के लिए सिर्फ 172 सदस्यों की जरुरत है. जो अब संभव होता नजर आ रहा है.
उधर, इमरान खान ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग विदेशी फंड की मदद से पाकिस्तान में उनकी सरकार गिराने की कोशिश कर रहे हैं. इमरान सरकार में मंत्री असद उमर ने दावा किया है कि पीएम इमरान पाकिस्तान के चीफ जस्टिस को यह पत्र दिखाने के लिए तैयार हैं.
सहयोगी एक एक कर दे रहे धोखा
इमरान खान की पार्टी के करीब 2 दर्जन सांसद बागी हैं. इसके अलावा सरकार में सहयोगी पार्टियों MQMP, PMLQ और जम्हूरी वतन पार्टियों ने भी एक एक कर साथ छोड़ना शुरू कर दिया है. पहले जम्हूरी वतन पार्टी के नेता शाहजैन बुगती ने इमरान कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. साथ ही उन्होंने इमरान के खिलाफ विपक्ष का समर्थन देने का फैसला किया है. उधर, MQMP ने भी अब विपक्ष के साथ समझौता कर लिया है.